इत्र की तरह बचे है चन्द अल्फाज़ , जो बिखरे फूलों से बटोरे है
एक बूँद नहीं, नदी नहीं हूँ दरिया भी नहीं , इश्क का समंदर हूँ
नीला गहरा अथाह आसमान हूँ या के लहरों में खेलती नाव हूँ
अल्फाज़ हूँ , नाचीज़ हूँ , जो भी हूँ तेरी शख्सियत पे कुर्बान हूँ ,
जो भी है अब रंज नहीं कुछ तंज़ नहीं , मैं रूह हूँ कि मैं कैद हूँ .
जाँ निसार हूँ , दिलोजान से कुर्बान, तेरा नूर हूँ ! मैं तेरा प्यार हूँ !
एक बूँद नहीं, नदी नहीं हूँ दरिया भी नहीं , इश्क का समंदर हूँ
नीला गहरा अथाह आसमान हूँ या के लहरों में खेलती नाव हूँ
अल्फाज़ हूँ , नाचीज़ हूँ , जो भी हूँ तेरी शख्सियत पे कुर्बान हूँ ,
जो भी है अब रंज नहीं कुछ तंज़ नहीं , मैं रूह हूँ कि मैं कैद हूँ .
जाँ निसार हूँ , दिलोजान से कुर्बान, तेरा नूर हूँ ! मैं तेरा प्यार हूँ !
Having Few survivors words like a perfume,
which is collected from scattered flowers
Not a drop, not even pond river’m not,
I’m the Ocean of love
Am i floating boat Playing on the waves
Or I’m deep blue bottomless firmament
Words I’m ,I’m nothing at whatever sacrifice I’m your’s Man,
Pip is no longer something not even spleen ,
I’m roc or I’m in cage under restrain
From bottom pf my heart am intimately sacrificed,
I am thy Glaze ! I am thy love!
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