१- कैसे का दर्शन पाऊं री
कैसे का दर्शन पाऊं री तोरी संकरी दुवरिया
कैसे का दर्शन पाऊं री तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक बधिर पुकारे ऐहिका श्रवणशक्ति देवो री
टोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक बँझिन पुकारे ऐहिका भी लालन देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे एक कोढीया पुकारे ऐहिका सुवर्णदेह देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक बालक पुकारे ऐहिका बुद्धि दान देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक निर्धन पुकारे, ऐहिका भी रतनधन देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक अंधरा पुकारे ऐहिका भी दो नैना $ देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
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२- मईया तोरे दर्शन
मईया तोरे दर्शन अइबे जरूर देवी तोरे दर्शन अइबे जरूर
चढ़ावा फूल माला लाइबे जरूर, मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे बालकवा को लइबे
झोली भर बुद्धि माँगिबे जरूर मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे निर्धनवा को लइबे
झोळीभर धन मँगबे जरूर ,मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे बांझन को भी लइबे
झोली पसार लल्ला मंगिबे जरूर मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे रोगी को भी लइबे
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३ - आजा तुझको रिझाऊं
सिंदूर महावर लगयी के आजा तुझको सजाऊं टिका नथनी तोहे पहनई के
आजा तुझको रिझाऊं
स्न्नान कराऊँ ,उपटन लगाऊं , सुगंधचन्दन का लेप लगयी के
आजा तुझको रिझाऊं
दीपक जलाऊ होम कराऊं, लाले फूलन की माला बनई के
आजा तुझको रिझाऊ
ढोलक बजाऊं , मंजीरा बजाऊं , करताल से थाप लगाई के
आजा तुझको रिझाऊ
मैं जो नाचू संग सखियाँ भी नाचें टोला मोहल्ला सहर नचईं के
आजा तुझको रिझाऊं
मेवामिश्री चढ़ाऊँ थरिया सजाऊं, छायादार छप्पर छवाईं के
आजा तुझको रिझाऊ
04-03-2019
कैसे का दर्शन पाऊं री तोरी संकरी दुवरिया
कैसे का दर्शन पाऊं री तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक बधिर पुकारे ऐहिका श्रवणशक्ति देवो री
टोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक बँझिन पुकारे ऐहिका भी लालन देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे एक कोढीया पुकारे ऐहिका सुवर्णदेह देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक बालक पुकारे ऐहिका बुद्धि दान देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक निर्धन पुकारे, ऐहिका भी रतनधन देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
मईया के दुवारे इक अंधरा पुकारे ऐहिका भी दो नैना $ देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
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२- मईया तोरे दर्शन
मईया तोरे दर्शन अइबे जरूर देवी तोरे दर्शन अइबे जरूर
चढ़ावा फूल माला लाइबे जरूर, मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे बालकवा को लइबे
झोली भर बुद्धि माँगिबे जरूर मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे निर्धनवा को लइबे
झोळीभर धन मँगबे जरूर ,मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे बांझन को भी लइबे
झोली पसार लल्ला मंगिबे जरूर मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे रोगी को भी लइबे
सूंदर निरोगी काया मँगबे जरूर ,मईया तोरे दरसन अइबे जरुर
हमहू अइबे संग देवान्ध को भी लाइबे इसको भी दो नैना देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
हमहू अइबे संग देवान्ध को भी लाइबे इसको भी दो नैना देवो री
तोरी संकरी दुवरिया
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३ - आजा तुझको रिझाऊं
सिंदूर महावर लगयी के आजा तुझको सजाऊं टिका नथनी तोहे पहनई के
आजा तुझको रिझाऊं
स्न्नान कराऊँ ,उपटन लगाऊं , सुगंधचन्दन का लेप लगयी के
आजा तुझको रिझाऊं
दीपक जलाऊ होम कराऊं, लाले फूलन की माला बनई के
आजा तुझको रिझाऊ
आजा तुझको रिझाऊ
मैं जो नाचू संग सखियाँ भी नाचें टोला मोहल्ला सहर नचईं के
मेवामिश्री चढ़ाऊँ थरिया सजाऊं, छायादार छप्पर छवाईं के
आजा तुझको रिझाऊ
04-03-2019
रचनाकार : लता तिवारी
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