कौन डगर से आयी
सखी री .............
कौन डगर मैं जाऊं
नैन जो खोले
देस बेगाना
किस कर
धीरज पाऊँ
हुई बावरी
भूली सुध-बुध
सारी उम्र गावउँ
सखी री............
जो कोई पूछे
क्या कहु आली !
कौन है मोर ठिकाना
न जानु में
किस गली आयी
कौन देस है जाना
किसको पुछु
घना अँधेरा
बिजुरी कड़के
जिया मोरा कांपे
कैसे पहुंचु पियु देस
सखी री ...............
ताप कटे
क्लेश सब भूलू
जो दर्शन पाउ
बलिहारी जाऊं
मैं पीहू की
नैनन् नीर बहाऊँ
सखी री ................
कौन डगर मैं जाऊं
ॐ प्रणाम
सखी री .............
कौन डगर मैं जाऊं
नैन जो खोले
देस बेगाना
किस कर
धीरज पाऊँ
हुई बावरी
भूली सुध-बुध
सारी उम्र गावउँ
सखी री............
जो कोई पूछे
क्या कहु आली !
कौन है मोर ठिकाना
न जानु में
किस गली आयी
कौन देस है जाना
किसको पुछु
घना अँधेरा
बिजुरी कड़के
जिया मोरा कांपे
कैसे पहुंचु पियु देस
सखी री ...............
ताप कटे
क्लेश सब भूलू
जो दर्शन पाउ
बलिहारी जाऊं
मैं पीहू की
नैनन् नीर बहाऊँ
सखी री ................
कौन डगर मैं जाऊं
ॐ प्रणाम
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