ॐ
आध्यात्मिकता के सन्दर्भ में >
ॐ गति में
ॐ विश्राम में
ॐ कल्पना में
ॐ पराक्रम में
ॐ हथेलियों में
ॐ स्पर्श में
ॐ पदयात्रा में
ॐ दृष्टि में
ॐ श्रवण में
ॐ जिव्हा में
ॐ वाणी में
ॐ क्रंदन में
ॐ आहत में
ॐ अनाहत में
ॐ अनहद में
ॐ स्पंदन में
ॐ प्रेम में
ॐ ह्रदय मे
ॐ भाव में
ॐ श्वांस श्वांस में आता जाता …… ॐ को देखूं ....... ॐ को जानू ...... ॐ को पाऊँ
जीवकर्म के सन्दर्भ में >
ॐ कला में
ॐ विषय में
ॐ भोग में
ॐ वियोग में
ॐ श्रद्धा में
ॐ ध्यान में
ॐ कर्म में
ॐ निष्ठां में
ॐ प्रतिष्ठा में
ॐ विश्राम में
ॐ विश्वास में
ॐ कल्याण में
ॐ व्यक्त भी
ॐ अव्यक्त भी
ॐ की रचना
ॐ की कृतियाँ
ॐ का जीवन
ॐ की मृत्यु ॐ के बाहर ॐ के अंदर …… ॐ को देखूं ....... ॐ को जानू ...... ॐ को पाऊँ
स्व आत्मिक उर्ध्वता के अर्थ में >
ॐ मान में
ॐ अवमान में
ॐ सम्मान में
ॐ क्रोध में
ॐ लोभ में
ॐ व्यवहार में
ॐ दुर्व्यवहार में
ॐ पीड़ाओं में
ॐ आंसुओं में
ॐ चीत्कार में
ॐ मंथन में
ॐ प्रयास में
ॐ कृत्य में
ॐ अकृत्य में
ॐ क्षणभंगुरता में
ॐ अमरता में
ॐ तृष्णा की झिलमिल मृगमरीचिका में सर्वव्यापी…… ॐ को देखूं ....... ॐ को जानू ...... ॐ को पाऊँ
असारता के सन्दर्भ में >
ॐ प्राण में
ॐ वायु में
ॐ अग्नि में
ॐ जल में
ॐ मन्त्र में
ॐ पत्थर में
ॐ विस्मृति में
ॐ स्मृति में भी
ॐ गर्भ में
ॐ कणकेंद्र में
ॐ पृथ्वीगर्भ में
ॐ सौरकेंद्र में
ॐ ब्रह्माण्ड केंद्र में
ॐ आकाश गंगा केंद्र में
ॐ नभ की व्यापकता में
ॐ विस्तृत फैलावट में व्योम-केंद्र बन सर्वव्यापी…… ॐ को देखूं ....... ॐ को जानू ...... ॐ को पाऊँ
पराविज्ञान के सन्दर्भ में >
ॐ वेद में
ॐ संहिता
ॐ उपनिषद
ॐ ऋषिवाणी
ॐ चराचार में
ॐ को समझूँ
ॐ को जानूँ
ॐ को पाऊँ
ॐ कण कण में
ॐ ऱज ऱज में
ॐ रजकण में
ॐ हर रजकण केंद्र में
ॐ प्रस्थापित सूक्ष्तम् अर्थ में सर्वव्यापी…… ॐ को देखूं ....... ॐ को जानू ...... ॐ को पाऊँ
परिवार के अर्थ में >
ॐ सत्य में, साहस में
ॐ बुजुर्गों के आदर में
ॐ कुटुंब के निर्वाह में
ॐ मातृत्व में, पितृत्व में
ॐ बालक में, साहचर्य में
ॐ प्रेम-कर्तव्य पालन में ,
ॐ रिश्तों की सुदृढ़ नीव में
ॐ साहसी संघर्ष के ढंगों में
ॐ लौकिक भावों के रंगों में
ॐ अलौकिकता की सूची में
ॐ की सत्ता अमानवता में भी
ॐ मानव के मानव होने में सर्वव्यापी .... ॐ को देखूं ....... ॐ को जानू ...... ॐ को पाऊँ
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