Heart's Lines
Monday, 26 May 2014
झीनी बहती सर्द हवाए
3 jan 2014
झीनी बहती सर्द हवाए
झीनी झीनी भीगी ओस
झीनी झीनी झांकती रौशनी
आसमानी झरोखे से देखा तुझे एक बार
आग्रह , अनुग्रह प्रेम पूर्ण निमत्रण है तुझे
क्या कहु प्रिये , खामोश हूँ ,
निःशब्द हो गयी हूँ
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