Friday 5 September 2014

जिंदगी बहुत याद आई तेरी दम तोड़ने से पहले .................





वो हंसना वो खिलखिलाना
वो संग संग रहना

वो साथ चलने की कोशिश
मेरा मदहोश रहना

जिंदगी  बहुत याद आई तेरी
दम तोड़ने से पहले .................


समझने समझाने की कोशिश
वो नासमझी का आलम

थोड़ाथोड़ा खुशियों का  रिसना
वो बेहोशी का मंजर

जिंदगी  बहुत याद आई तेरी
दम तोड़ने से पहले .................


बंद मुठी से रेत  सरकते जाना
कस के बाँधने की कोशिश

चिटके घड़े  से जल बूँद टपकना
चिटकन भरने की कोशिश

जिंदगी  बहुत याद आई तेरी
दम तोड़ने से पहले .................


साँसे  उखड़ी अब क्या कीजिये
आँखे बियाबान हुई

उम्र  बीती  इसी जद्दोजहद में
इक सांस ले जिंदगी

जिंदगी  बहुत याद आई तेरी
दम तोड़ने से पहले .................


सुना था हरेक सांस जिंदगी है
कुछ यूँ वो चलती रहीं

अनगिनत थी ,जिंदगी खोई रही
भूलभुलैयाँ सी जिंदगी

जिंदगी  बहुत याद आई तेरी
दम तोड़ने से पहले .................





No comments:

Post a Comment