Sunday 28 September 2014

दुधारी-बेला


 स्वागतम



मिलन


खुशियों का जन्म , ढोलक मंजीरे 
नृत्य संगीत  में डूबे बहकते दिन और रात 
शक्ति की शक्ति बिन बात  के उल्लसित जीवन 
मिलन का मधुमास स्वागतम सुस्वागतम 

पुष्पों का लहराना हवाओं  का बहना 
लहरो का मचलना , सुगन्धो का बिखरना 
होठों पे खेलती  मुस्कराहटें , खिलखिलाते बचपन 
मचलता हुआ योवन  स्वागतम सुस्वागतम

जीवन प्रवाह में वेग सरिता है  यौवन 
साहस शौर्य  चपलता  उत्साह  क्षमता पुत्र पुत्री 
पति पत्नी का साहचर्य , बन्धुबन्धाव का सहयोग 
उफान जोश जीवन का स्वागतम सुस्वागतम


विदाई 



जनम दे जतन से लालन पालन किया  प्रेमभाव से
दुःख में रोये हँसे सुख में संगसंग सुन प्राणो से प्रिय

ह्रदयशक्ति से संवारसंभाला अब धूलिबेला हो चली
दुआ को दो हाथ उठे , आशीर्वाद रहे  तुम संग  सदा !

आँखें अपलक दूर तक देखतीं देर तक उस रस्ते को
जिस राह से गुजर तुमने आगे को कदम बढ़ा दिया !

नदी की गति, समय की चाल , काल का गाल नदेते
अवसर  पुनः, नहीं लौटते वापिस  उसी देह में प्राण !

वो ही जल नहीं मिलता नदी में प्रक्षालन को  दोबारा
जानेवाला  बह गया , रहनेवाला  साथ यही रह गया

उठी  लहर का गिरना, खिलते फूल महकते  मिटते
जन्ममेंमृत्यु मिलनमेंवियोग वृत्तियाँ पूर्व नियोजित

मुक्त गगन के पाँखी उड़ने की बेला से पहले; आ !!
तुझे निहार अश्रुपूरित नयनो से चूम प्रेम-विदा दू !

आत्मप्रिय जीवनदर्शनी प्रिय राह के मुसाफिर मित्र
अति  भावभीनी संवेदनशील आज तुझसे विदाई लूँ  ! 

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