जिंदगी उलझती तब है
जब सवालो के जवाब नहीं होते
उनको क्या कहियेगा
जिनके पास सवाल ही नहीं होते
उलझी गांठो के पेंचोखम
सुलझने के आसार भी नहीं होते
सुकूँ को दीजिये सुकूँ
गुलाबों को और महकने दीजिये
गम को यूँ गलत कीजिये
पहचान के जानपहचान न कीजिये
चंद लम्हे ये गुजरते हुए
सुलझे है; सुलझा ही रहने दीजिये
No comments:
Post a Comment