Saturday, 13 September 2014

विस्मृतप्रदेश







पनी जन्म विधि परिधि जो भूल गए
वे पीड़ाएँ विस्मृत सुरक्षित मनपटलमें

गर्भप्रदेश की अंधीगलियों का विचरण
दम घोंटता धक्का देता प्रसव संकुचन 

शक्तिहीन अन्जान बहते बाहर गिरते
कैसे!कहाँ!,पता नहीं, मालूम नहीं क्यूँ!

पने जन्म प्रक्रिया तुम भूल गए क्या
गर्भ को दौड़े थे स्मरण कर उस पल का

माता प्रसव वेदना सबकी  देखी  जानी
तनिक अपनी भी गति सुध ले अज्ञानी 

मौन हो तेरी प्रसवपीड़ा दर्द था तूने सहा
ये और बात  के आज  वो सब भूल गया  

दाई का प्रसव कराना वो नस्ल परीक्षण
आगंतुक का स्वागत वो उत्सव मनाना

वो ही प्रसव तत्जनित पीड़ा याद करना
इसी जीवन में दोबारा जन्म जो है लेना  

उतरे नीचे ह्रदयभाव पे,वयस्क से शिशु  
शिशु से भ्रूण बन सहें पुनःप्रसव पीड़ाये

भ्रूण से भूली स्व की चिरपरिचत कहानी 
जातक मुख से स्व जन्मपीड़ा कभी सुनी 

द्भुत अनोखा किन्तु सच विस्मृत सा
कहो मित्र ! कुछ याद आया वो गर्भकाल

इन्द्रियां अक्षम,शरीर पंखुड़ी सा नाजुक  
पानी में जीवन डोर मात्र नाभि का जोड़  

याद करें  संकुचित  सूक्ष्म तरल  अँधेरा 
याद करें फिर वो अंधी गलियों में बहना

याद करें इक्छा विपरीत धरती पे गिरना
याद करें पहला रुदन,कारुणिक चीत्कार

याद करें  वो  पीड़ाएँ याद करें प्रसव काल
याद करें  टुकटुक निहारना अजनबी बन 

याद करें भाषाहीनता यादकरें मौनसंवाद
याद करें परमऊर्जा से वो स्व साक्षात्कार


ध्यान ! स्वप्निलजीवन से बाह्य निकल 
यादकरें नौ महीने का गर्भप्रदेश का काल




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