तुम रहे छिप गहन गुफा मध्य
वस्त्रो के तिहरे आवरण से ढंके
गूढ़ स्व-यम पर आवरण डाल
कार (शरीर) के आ + कार पे
आवरण देके अंदरुनी वस्त्र का
तदुपर ढांक लिया चलन-वस्त्र
ये शरीर यानि आकार की कार
जिव्हा मस्तिष्क मन आवरण
शब्दों के आभूषण से आवरण
स्व की आवृति अनावृत करते
यम संग या स्व-यम संग रहते
बात समझने की है बस इतनी
जो इ के संग भी तनी हुई है
इ+तनी सी बात समझ न आई
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