मस्तिष्क साथ तालमेल
चतुर मन की चाल का हो जाये
चतुर मन की चाल का हो जाये
तन जैसा मन भी दीन
जरुरी नहीं गरीब नजर आये !
जरुरी नहीं गरीब नजर आये !
वस्त्रो की कमी हो
कपड़ो का आकर्षण बढ़ जाये !
जब भूक लगी हो तो
बस खाने को मन छटपटाये !
बस खाने को मन छटपटाये !
जब प्यास जगे तो
बस पानी ही पानी रह जाये !
बस पानी ही पानी रह जाये !
जब लौ उठ जाये तो
परम से मिलने को हो आतुर !
परम से मिलने को हो आतुर !
प्रेम से खाली हो जब मन
प्रेम ही प्रेम हर सु नजर आये !
प्रेम ही प्रेम हर सु नजर आये !
पानी भी वही भरता
जहाँ धरती पे गड्ढा नजर आये !
जहाँ धरती पे गड्ढा नजर आये !
जो भाव-घर खाली हो
वो भरने को आतुर नजर आये !
वो भरने को आतुर नजर आये !
तेरा कौन सा घर खाली
मौलामौला पुकारता नजर आये !
मौलामौला पुकारता नजर आये !
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