जो जहाँ हो
रुको वहीं पे
ठहर जाओ
इस पल में
न कुछ हो
न होने दो
नूर बरसा
इस पल में
छिपी गुदड़ी
के लाल सी
जिंदगी पूरी
इस पल में
थी वो साँस
आती जाती
बेरोक टोक
पल पल में
इस घडी में
जाते जाते
गयी अटक
एक पल में
अच्छा हुआ
जो जिंदगी
जी थी खूब
उस पल में
आजतो बस
बाँध गठरी
चलना हुआ
इस पल में
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