पकड़ ध्यानी तू बीज नाम का यान
महायान ले उड़ ग्रहीय देश के पार
बीज नामक यान हृदयस्थल में तेरे
गहरे समुद्र में साँसों की नाव पे बैठ
वहीँपे रहता टिमटिम दीप प्रज्वलित
प्रकाशित लौ संग चल स्व गर्भगृह में
उस गर्भप्रदेश के अपने गृह में जाना
बैठ दुबक छुप जाना गृह स्व कक्ष में
शांत लौ स्थिर पवित्र उड़ान के लिए
बीजयान में उड़ चल प्रीतम की ओर
मध्य देश नाम है पहचान अद्वितीय
शब्दातीत कालातीत भावातीत आह !
नहीं सरकता रंचमात्र केंद्र स्वधुरी से
हजारों सूर्य सा प्रकाशित ; वो है वहीँ !
कुछ दूर की उड़ान भरो ज्ञान के साथ
विज्ञानं के साथ पूर्ण भावप्रेम के साथ
छोड़ इस विज्ञानं यान को उंचाईयों पे
बैठ बीज यान में रहना स्थिर सुरक्षित
यहीलेजायेगा चिरप्रतीक्षित केंद्रक्षेत्र में
बीजयान में बैठ छू पाओगे स्वकेंद्र को
every one would know through Science and their ways to reach on another planets , whenever rocket moves on another Orbit the main attachment have to release that time and main Organ with motive moves in Orbit . same every thing already we have in seed of existence only procedure uncovered through Science. Follow only that procedure in Frequency form .
ReplyDeleteIn the area of lord you may enter in tiny energy form , to touch that you may come back again and attached with main rocket and rocket take you back on Earth In physical state ...
Bahut sundae bare than ki bat thanks lata di
ReplyDeleteall blessings with thanks ..
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