Heart's Lines
Saturday, 10 January 2015
एक कण
रेत के एक कण ने सुनाया दर्दनाक किस्सा
हजारों साल घिसे इकठे हो बृहत पर्वत बने
एक धमाके ने मिटा दिया वजूद संगठन का
कल परबत था जहाँ वहीँ वीरान पड़ा खड्डा है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment