बेपरवाह उखड़े-उखड़े से क्यूँ हो
बिखरे बिखरे से बेवजह क्यूँ हो
अठखेलियाँ करती मौजो पे चढ़े
किनारे खड़े, मंझधार में क्यूँ हो
वख्त का तो काम बहना बहाना
अष्टावक्री चाल में आते क्यूँ हो
बिखरे बिखरे से बेवजह क्यूँ हो
अठखेलियाँ करती मौजो पे चढ़े
किनारे खड़े, मंझधार में क्यूँ हो
वख्त का तो काम बहना बहाना
अष्टावक्री चाल में आते क्यूँ हो
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