Thursday, 22 January 2015

आत्म-अनुभव : जीवन के लिए

ओम की सत्ता 

when One Understand Death actually he  start understand to life .. and this is  complete  circle of wisdom .

 
RIP to all departed  Soul (s) Boarded on air asia flight  _()_,pic  of recovery of bodies over the Indonesian ocean  

आज क्या हुआ, जो शब्द निःशब्द हो गए !
सुना कहा ज्ञान बारबार आज ह्रदय मौन है 
देखा धनसंपदा का अद्भुत खेल लाखो दिए 
नहीं पता था मृत्यु खरीद रहे कतार में लगे 
हजारो फीट ऊपर घंटी बजी आखिरी पल थे 

अगले पल में हम विशाल लहरों के अंदर थे
और उस अंतिम पीड़ा को समझ भी न पाये 
देखा तैरते  सुखी - गीली लकड़ी सी देह को 
देह से अलग घूमने लगे ,प्रपंच तमाशे सारे 
वो घमंड वो तानाशाही राजसी तौर मिलाप 

याद आया प्रेम से सराबोर उपवन था मेरा 
देखा  रोते बिलखते जो थे ख़ास मेरे अपने 
सपना वो लग रहा देह विलग निष्क्रिय मै 
दुआ! काश समंदर में तैरती देह में जा बसूं 
फिर जीवन पाऊँ वो मन का सब जी जाऊं 

पर  कैसे ? अब पश्चाताप, खुद पे आक्रोश
क्यूँ  खुद  को नहीं जी पाया, शिकवा भी ये 
खुदको समझ पाया न खुदसे प्रेम करपाया 
खड़ा  भरे नैनों में अनदेखे जल-कण  लिए 
लहरों पे हिलोरे लेता शरीर और मैं अतृप्त 

Om 

we are lucky, if after knock we may able to do love life , love self and all whatever we have in mind we may able to live .. with in life .. amen !

No comments:

Post a Comment