Friday 16 January 2015

वे देवदूत है , तपस्वी है, वे अवधूत है !



प्रार्थना जीव के साथ रक्तस्नानं नहीं करना चाहती
प्रभु की दया के अधीन युद्ध संहार मात्र अपराध है ..

वो भी अपने प्रिय की सत्ता  को साबित करने के लिए
तलवार नहीं चाहिए प्यार से प्यार को जीतने के लिए

राक्षसदूत  के प्रयास  मानवता के खिलाफ हो जाते है
नरसंहार के लिए उनका पापीमन एकमात्र अपराधी है

परम के सच्चेदूत अयोग्य मार्गदर्शन नहीं कर सकते
राक्षसदूत नहीं वे देवदूत  है , तपस्वी है, वे अवधूत है

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