Thursday, 21 August 2014

बाद

Dedicated to #Ustad Bismillah khan sahab

शिद्दत से याद किया दोस्त ! तेरे चले जाने के बाद
जिंदगी को पुरजोर मानते रहे हम,रूठ जाने के बाद

वक्ती दौड़ में हमभी थे शामिल उस काफिले के साथ
जहाँ खामोश थी सदायें, आँधियाँ गुजर जाने के बाद

उम्रदराज बीत गए चार पल आरजू के , इन्तजार में
माशा-सांस अटकी थी गलक में तूफां पी जानेके बाद

कैसी उलझन ,क्या करना चाहिए था और क्या नहीं
कौन जवाब आएगा कहाँ से ! मौसम बीतने के बाद

गोया ! न तब वो सोचते थे , न अब ही वो सोचते है
कहते है वो ; जिंदगी क्या जियोगे बीत जाने के बाद 


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shukriya , namaste ,  !!

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