एक सांस लो गहरी
बेड़ियों को आजाद करो
ताजा जल भरना हो
ठहरे को निजात करो
सभी प्यारे है जग में
सभी का सम्मान करो
ज्ञान अधिग्रहण नहीं
स्वदर्शन अभियान करो
अनुसरण नहीं कभी
निर्दिष्ट मार्ग मान करो
मौज थमी नहीं कभी
तुम बहते वक्त संग बहो
काफिले छोड़ जाएंगे
इन् पे भरोसा न करो
जिस्मानी रिश्ते छोड़
रूह से रूह दो -चार करो
एक गहरी हाँ के लिए
एक गहरा इनकार करो .......
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