Wednesday, 13 August 2014

वो बात यहाँ चंद लब्जों में बयां होती है

Experience of whole life when n where squeezed  in few words . think some peotry  has to be born ! ..amazing divine words  are below  written by Hasan Akbar Kamaal ... 


सबो रोज़ मौसम बदलते रहे
नए गम पुरानों में ढलते रहे ...

मोहब्बत, वफ़ा, दोस्ती, इन्क़ेलाब
खिलौने बनाये, बहलते रहे ....

खबर थी कि मंजिल नहीं है कोई
मगर हमको चलना था चलते रहे ...

चिराग़ अपनी आँखों में ख़्वाबों के रंग
जलाते रहे और जलते रहे ...

न बदला कभी बिकने वालों का रूप
खरीदार चेहरे बदलते रहे ...

~ हसन अकबर कमाल



below written few words : 

Words have own energy  though restricted as human limits  but able to leap in unknown territory
Poets are able to  express whole  in few words , its a power of poetic hearts >>

And my heart  says : 


 गोया आशिक़ों के दिल की दुनिया  है 

दिल-ए-दास्ताँ  अल्फाजो  में  बयां  होती  है 


जो   मोटी  किताबो  में  बरसों पढ़ा 

वो  बात  यहाँ  चंद लब्जों  में  बयां  होती  है


दिनों - सालों में बाल   सफ़ेद  किये 

यहाँ  एक पल  में  ही  ता_उम्र  फ़ना  होती  है 


हमको इश्क़ की फितरत  न समझा 

यही तो वो शय  है जो  निगाहों से बयां होती है 


नूर उस का दीवारों में क्या समेटोगे  

जर्रे जर्रे  में  मोहब्बत उसी से तो  बयाँ होती है



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