Experience of whole life when n where squeezed in few words . think some peotry has to be born ! ..amazing divine words are below written by Hasan Akbar Kamaal ...
below written few words :
Words have own energy though restricted as human limits but able to leap in unknown territory
Poets are able to express whole in few words , its a power of poetic hearts >>
And my heart says :
गोया आशिक़ों के दिल की दुनिया है
दिल-ए-दास्ताँ अल्फाजो में बयां होती है
जो मोटी किताबो में बरसों पढ़ा
वो बात यहाँ चंद लब्जों में बयां होती है
दिनों - सालों में बाल सफ़ेद किये
यहाँ एक पल में ही ता_उम्र फ़ना होती है
हमको इश्क़ की फितरत न समझा
यही तो वो शय है जो निगाहों से बयां होती है
नूर उस का दीवारों में क्या समेटोगे
जर्रे जर्रे में मोहब्बत उसी से तो बयाँ होती है
© All Rights Reserved
सबो रोज़ मौसम बदलते रहे
नए गम पुरानों में ढलते रहे ...
नए गम पुरानों में ढलते रहे ...
मोहब्बत, वफ़ा, दोस्ती, इन्क़ेलाब
खिलौने बनाये, बहलते रहे ....
खिलौने बनाये, बहलते रहे ....
खबर थी कि मंजिल नहीं है कोई
मगर हमको चलना था चलते रहे ...
मगर हमको चलना था चलते रहे ...
चिराग़ अपनी आँखों में ख़्वाबों के रंग
जलाते रहे और जलते रहे ...
जलाते रहे और जलते रहे ...
न बदला कभी बिकने वालों का रूप
खरीदार चेहरे बदलते रहे ...
खरीदार चेहरे बदलते रहे ...
~ हसन अकबर कमाल
below written few words :
Words have own energy though restricted as human limits but able to leap in unknown territory
Poets are able to express whole in few words , its a power of poetic hearts >>
And my heart says :
गोया आशिक़ों के दिल की दुनिया है
दिल-ए-दास्ताँ अल्फाजो में बयां होती है
जो मोटी किताबो में बरसों पढ़ा
वो बात यहाँ चंद लब्जों में बयां होती है
दिनों - सालों में बाल सफ़ेद किये
यहाँ एक पल में ही ता_उम्र फ़ना होती है
हमको इश्क़ की फितरत न समझा
यही तो वो शय है जो निगाहों से बयां होती है
नूर उस का दीवारों में क्या समेटोगे
जर्रे जर्रे में मोहब्बत उसी से तो बयाँ होती है
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