जो भी कीमती समां नाजुक है शीशे सा
भावों से महका हुआ, ये बगीचा ही तो है
कीमती अहसासों और महक से भरा है
देखिये संभलिये इन्हे अल्हदा न कीजिये
सब कुछ खुली किताब में दस्तूर फैला है
जान के अंजान हो ये रिवाज़ भी पुराना है
सुगंध को सहेज रखना, मुश्किल बहुत है
गुलाब को कुछ देर पकड़ के तो देखिये
सूरज जहाँ रौशनी देने में नाकाम हुआ
इसी दिए की लौ ने रास्ता दिखाया हमें है
मुश्किल-सफर निगाहों का इक धोखा है
बस कदम का फासला तय करते रहिये
मोहब्बत में गिरे जो जानिए पैदा हुआ है
उसी में पल पल उठ के वो जवाँ हुआ है
इश्क़ की सुगंध बन हांथों में सिमट गया
सुना !मोहब्बत में वो शख्स मिट गया है
अपने-अपने मुकाम से गुजर रहे सभी है
सुलगते हुए इबादत मोहब्बत के चिराग
वख्ती स्याही के साथ, चिंगारी समझ की
सभी तो चल रहे हैं.... लौट जाने को घर
mysterious existence...
sometimes even super powerhouse the sun can't show the path and sometimes a small spark is enough to show the path. All comes from Source Blessings. Keep in mind before making any harsh decision for life, if you understand its relief, you are an absolutely wrong relief is only with coolant and divine-spring gives the shower of sense and relief, no one authorized to cut distinct even to cut life thread.
God gives strength to float not to swim . and it is not difficult !!
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Falling in love you remain a child; rising in love you mature. By and by love becomes not a relationship, it becomes a state of your being. Not that you are in love - now you are love. "
- Osho
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