एक तूफान है बला का जो सब कुछ उड़ाए लिए जा रहा है ,
एक हम है बदहवास से सब कुछ पकड़ने की फ़िराक़ में है
कायनात की रफ़्तार तो देखिये तिनके से उड़े जा रहे सब हैं ,
कैसे नादाँ वो बिजिलियों को छूने की ललक दिल में लिए है
यूँ तो सुबह रोज ही और शाम भी रोजमर्रा का नज़ारा हुआ
दिमाग में खलिश और सीने में जलन लिए इंसान ही तो है
बा_दुरुस्त कहते है वो जो जी गया एक बार वो मरता नहीं
बारबार जीने की कोशिश में इंसा नस्तनाबूत हुआ करते है
कुदरत करिश्मा देखिये ,ज़ेहन में कोई गफलत न पालिए
हमी तो है सालोसाल सुबहोशाम मरते फिर जिया करते है
बिछड़े कब मिले रुठिए न शिकवा कीजिये इस पल के साथी ,
यूँतो खोईयेगा कहाँ हमको रेत के कणकण में जब्त हमी है
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