बड़ी बातें अभी न करो
छोटी राहतें तो दो !
आसमान भी घूम के आएंगे
पैदल चलना तो हो !
शामिल रफ़्तार भेड़-दौड़ में
पहले संभलना तो हो !
एक दिमाग,दो आँखें ;बस !
दुगुने चौगुने तो हो !
अखंड मौन भी साध लेंगे
बात ये खंडित तो हो
दुनियां से सीधे निपट भी लो
खुद से सीधे तो हो !
ता-धरती की दौड़ लगाते हो
भीतर भी दौड़ो तो !
दुसरो की ठगी से बचते हो
खुद से बच सको तो !
रास्ते बाहर मिल ही जायेंगे
अंदर का रास्ता जो हो !
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