अगर बीमारी नहीं होगी तो औषधालय क्या करेंगे ,
समस्या नहीं होंगी गर तो ये राजनैतिक दल क्या करेंगे !!
समाज में भय नहीं होगा तो धर्माधिकारी क्या करेंगे
गर दुःख नहीं होगा तो अध्यात्मवाद के माहिर क्या करेंगे !!
हमारी जरूरतें सिमट गयीं तो खोजकर्ता क्या करेंगे
खुश रहने की उम्मीद गर ख़त्म हुई तो कलाएं क्या करेगी !!
हर एक का मकसद हर एक की जरुरत महसूस होती है
एक भी कील निकली जो धुरी से तो ये महल भरभरा गिरेंगे !!
हर एक का मकसद हर एक की जरुरत महसूस होती है
एक भी कील निकली जो धुरी से तो ये महल भरभरा गिरेंगे !!
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