दिवास्वप्न सा जीवन जीना अच्छा लगता है
दिन में सोना और रात में जागना क्यों अच्छा लगता है !
तारो में बसे अपने अपनो के सपने सपनो में सोना
उन सपनो में अपनों को उन तारो में देखना अच्छा लगता है !
बच्चो सा खिलखिलाना साथ मिल खेलना रूठ जाना
झूमना नाचना खेलना मौज मानना सब अच्छा लगता है !
चिड़ियों संग उड़ना मछली संग तैरना फूलों संग खिलना
उन सा चहकना , फिसलना और महकना , अच्छा लगता है !
बादलो को देखना , चाँद को छूना , परियों का थपथपाना
जादू की छड़ी घुमाना , मुझे वो सब दे जाना अच्छा लगता है !
आँखे बंद कर गीत गुनगुनाना मधुर धुन में वो डूब जाना
धीरे से नाचने लगना झूमते झूमते डूब जाना अच्छा लगता है !
उसी मदहोशी में गुनगुनाते थिरकते सिहरन सी उभरती है
झुरझुरी का कम्पन फिर प्रेम के सागर में डूबना अच्छा लगता है !
जानता हूँ स्वप्न है ये सब जागती आँखों के फिर सोचता हूँ
जीवन जी चुकी डूबती आँखों के सपने सभी तो थे , सच्चा लगता है !
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