Friday, 6 June 2014

नन्हा_पल


छोटे  से  जीवन की छोटी कहानी 
उससे  भी छोटे खुशियां और गम 

नन्हेनन्हे ऋतु-तिनके उड़ते जाते 
लहराते से पल ओझल होते जाते 


हर पल आकर नयी सुगंध उड़ाता
रंगो से रंगीन त्यौहार बनते जाते

श्वेत गुलाबी पीत हरा नीला काला
रंग छलक चहुँ बिखरे दिखते जाते

मधुर - मधुर टिक - टिक सा गीत
कुछ शोर मचाती दिल की धड़कन

खुशियां और गम से भी है विरला
मधुर मधुर मधु_मास की घड़ियाँ

ड़कन  में  मधुर  संगीत है बसता
गति_मय लय_मय जीवन दे जाता

कहता  जाता, मैं  तो हूँ ही आवारा
तेरी श्वाँसें भी  तो मुझ सी आवारा

न  मै  ठहरा, न ये ठहरी, न ये पल
तू ठहरा और न बहता तृष्णा_जल

बहते जल सदृश सा ही बहता संगीत
धड़कन गाती, छल मत , कल_कल

कधक में जीवन खुद को जी जाता
क्वचित्‌_जीव का तनु नन्हा पलपल

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