छंद_मोती चुन हार बनाऊं ; प्रियतम तोहे प्रेममाळ पहनाऊँ
महके रंग रंग के पुष्पों संग
भांति भांति के रंग बरसाऊँ ,
अविरत अश्रुधार संग धो-धो
छंद_मोती चुन हार बनाऊं
प्रियतम तोहे प्रेममाळ पहनाऊँ ……
टूटे बासी फूल छोड़ी छोड़ी के
प्रेम से ताजे बिन_चुन लायी
खुशबु अलग अलग है सबकी
पर एक भाव तार में बंधे सब
प्रियतम तोहे प्रेममाळ पहनाऊँ ……
बड़े जतन संग भाव पिरोये
मुग्धा ठगी रहगयी देख वो वेश
सोलह श्रृंगार सब फीके पड़ गए
आपके दरसनमात्र से सज गयी
प्रियतम तोहे प्रेममाळ पहनाऊँ ……
करुणासागर तुम दीनो के नाथ
न मुझमे शक्ति न ही है भक्ति
गर्वित रूप रंग निकले सब झूठे
थी कैसी मूरख अभिमानी , आ !
प्रियतम तोहे प्रेममाळ पहनाऊँ ……
sunder
ReplyDeletethank you , Aabhar Shashi .. Aalingan , swagat aapka .
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