आप कुछ बोलते भी है ?
परममौन संग मिलजुल रहती
दुविधा मर्म की सहेली है
शास्त्र जनित विषय सांकेतिक
पूजनमननचिंतनमौन है
आत्मापरमात्मासौरियग्रहउपग्रह
गूढ़गंभीरखिलखिलाते है
संकेतो से ओतप्रोत दुनिया ये
संकेत वृक्ष ही फलते है ,
भीड़ में रहते संग शोर मचाते
चिड़ी- झुण्ड सब लगते है
अभी भी लगता है क्या आपको
आप कुछ बोलते भी है ?
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