अपनी ही परिभाषा है
भाषा के प्रकट सौंदर्य
शब्द से अभिव्यक्ति
अभिव्यंजना शाब्दिक
उनमे बंद स्वतंत्रतायें
शब्द शिकंजे में कैद
हठी निजी धारणाएं
जिनमे कैद होते जीव
खामोश जीवन्तताएं
दृढ मन बुद्धि के रंग
छींटे पड़ते सुलगे मन
श्रद्धये यात्री प्रत्येक
यात्राओं की है निजता
मान्यताएं अलग हो
भरे धारणा रंग अलग
धारणाओं की तरलता
व्यवहार की सरलता
सम्मानित- जीवंतता
धारणमुक्त फले फूले
विसर्जित हो वंचनाये
अनुभव आध्यात्मिक
निरंतर हो प्रवाहित
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