Wednesday, 26 November 2014

संवेदनशीलता अखंड


एक एक बोलता शब्द
अपनी ही परिभाषा है
भाषा के प्रकट सौंदर्य
शब्द से अभिव्यक्ति

अभिव्यंजना शाब्दिक 
उनमे  बंद स्वतंत्रतायें 
शब्द शिकंजे  में  कैद 
हठी  निजी   धारणाएं 

जिनमे कैद होते जीव
खामोश  जीवन्तताएं 
दृढ मन बुद्धि के रंग
छींटे पड़ते सुलगे मन

श्रद्धये  यात्री  प्रत्येक
यात्राओं की है निजता
मान्यताएं  अलग  हो
भरे धारणा रंग अलग

धारणाओं की तरलता
व्यवहार की  सरलता
सम्मानित- जीवंतता
धारणमुक्त फले फूले

संवेदनशीलता अखंड
विसर्जित हो वंचनाये
अनुभव आध्यात्मिक
निरंतर   हो   प्रवाहित 

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