Wednesday, 20 May 2015

धड़कन




धड़कन के धागे में पिरो
वो  सौगात मुझे दे गया
सीने पे रखा हाथ अपना
उँगलियों के पोरों में बैठ
आहिस्ता  सब कह गया

इस दिल का संगीत तेरा
सुर्ख दौड़ता लहू भी तेरा
जीवन के लिए दिल का
संकुचन  तेरा बारम्बार
बीज सदृश् बनना होगा

और उसी जीवन के लिए
मेरा  विस्तार तेरा  हुआ
मुझे दोबारा छूने के लिए
दिल में  लहू  भरना होगा

तुझे श्वांस देता हु अपनी
लय  देता हूँ  अपनी तुझे
धड़कन की ताल  बना के
जीने का राग देता हूँ तुझे
याद रखना तेरा नहीं कुछ
मुझे ही वापिस देना होगा







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