Friday 15 May 2015

मौन सागर




मौन सागर अपनी ही गहराईयों में डूबेगा
वख्ती नदियों का मिलना इसे गवारा नहीं
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अजीब गजब रवायत तेरे जहाँ की निराली 
क्षीरसागर से नदी खुद ब खुद नहीं मिलती 
.
यहाँ नदिया पथरीले ढलानों से नहीं बहती
सागर झूम मस्त हो, जा उनको मिलता है 
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सभी नदियां सयानी हो , ऊपर को चलती है 
और बढ़ती जाती अपने सागर को मिलती है

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