जीने के लिए दिल को धड़कन चाहिए
धड़कन को भावों का तूफान चाहिए
भावों के तूफ़ान को गीत बोल चाहिए
गीतों के बोल को मेहरबां धुन चाहिए
धुन को कलंदर के लब का साथ चाहिए
कलंदर को दिल का मेहमान चाहिए
धड़कन को छू ले मेहमां को भाव चाहिए
दिल को भाव-गीत-मेहरबा साथ चाहिए
और अंत में
जिंदगी इसीपल में है और इसी पल में जीना चाहिये
बरसो बाद का और बरसों पहले का हवाला न चाहिए
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