Heart's Lines
Sunday, 7 December 2014
बदस्तूर - सूफियाना स्वर
सूफियाना स्वर बाबुलंद
रूहानी हो सुनाई देते है !
गोलीबारूदों की गूँज तले
चीखों का निग्रह क्या है !
पीर-पैगम्बर..के..कलमे
घंटे..घड़ियालों..की..गूंज
धमाकों..के..गुबार..संग
बदस्तूर..बढ़ते..जाते..है
Om
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