श्वेत हंस पे सवार
साँसों..पे ..सारथी
साथी..विष.अमृत
भरे छलिया उड़ान
नेह डोर बंधी संग
लाये..यहां..उतार
पंख उड़ा बार बार
श्वांसों..का..नर्तन
श्वांसो..की...ताल
श्वांसो..का.दीपक
श्वांसो..का..साज
श्वांसों..का..थाल
श्वांस सारथि संग
छलेगा न अधिक ;
लो ! संज्ञानीज्ञानी
अज्ञानी भी सभी
श्वांस...डोर...छोड़
अकेले...उड़...चले
श्वेत..हंस..पंख से
ढका नीला आस्मां
इस..आस्मां..ऊपर
भरावो जुगनुओं से
चमकीले..से..कण
लगते तो है सितारे
नहीं नहीं ; हंसपंख
साँसों..पे ..सारथी
साथी..विष.अमृत
भरे छलिया उड़ान
नेह डोर बंधी संग
लाये..यहां..उतार
पंख उड़ा बार बार
श्वांसों..का..नर्तन
श्वांसो..की...ताल
श्वांसो..का.दीपक
श्वांसो..का..साज
श्वांसों..का..थाल
श्वांस सारथि संग
छलेगा न अधिक ;
लो ! संज्ञानीज्ञानी
अज्ञानी भी सभी
श्वांस...डोर...छोड़
अकेले...उड़...चले
श्वेत..हंस..पंख से
ढका नीला आस्मां
इस..आस्मां..ऊपर
भरावो जुगनुओं से
चमकीले..से..कण
लगते तो है सितारे
नहीं नहीं ; हंसपंख
No comments:
Post a Comment