Heart's Lines
Friday, 5 December 2014
बुदबुदा
न हम धारे न किनारे ,
लम्हा भर जिंदगी जी के गुजर जायेंगे
,
बहती नदी की सतह पर
बुदबुदे जैसे मिलेंगे और बिछड़ जायेंगे ।।
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