Dedicated to all souls , those are still in pain to lose their worldly_Divine_Guru_Soul
even not able to digest the great sorrow and vacuum , after passing years and years
Souls are just sparks, not here to ever stay ,
they must have to go back, on time one day
मन रे,क्यूँ हुआ निराश अँधेरा जो घिर आया
मान ले तू करवट बदलते समय की चाल को
वक्ती प्रेम के भरोसे , जीवन लिखा था सारा
समय गुजरना था ,गुजर गया वख्त के साथ
उसने कहा था बार बार प्रेम कर मुझ से नहीं
बदलते वक्त से नहीं, वो जो बदला नहीं कभी
मत अटका मेरी जर्जर खूंटी पे अपने कपडे
कहा था न सच उस सूरज ने डूबने से पहले !
सूरज फिर निकला है, तो रात भी तो आएगी !
रात आई है तो क्या ! सूरज फिर से चमकेगा
चलेगा सिलसिला यूँ ही , आने और जाने का
रखें किसकिस का हिसाब, ये भी दस्तूर हुआ
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Om Osho Pranam Om
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