Wednesday, 11 February 2015

मुझे न उलझा...!



सही और  गलत की 
गलतफहमियों   में 
मुझे     न    उलझा...! 
नेस्तनाबूत     हुए  
ईमान            मेरे 
खुदा तो  सभी का है 
जिनके  सर  कलम
होते  है  ,  या  के 
जिनके   हाथों   में 
खंजर  थमे  होते है.! 
सच  झूठ  अभी भी 
दो  है   या   मैं अभी 
पूरा नशे में नहीं  या 
पैमाना अभी झूठा है

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