उसका सब कुछ तो खुला नहीं है यद्यपि कुछ छिपा नहीं है
जाने अनजाने उसके साम्राज्य में आस्था को प्रवेश मिला है
प्रकृति की लीला याके परम निर्मित गति झेलना अवहेलना
अथवा भोगना जन्मो या कर्मों के बंधन में बंधे झूलतेडोलते
कुछ निश्चित, कुछ अनिश्चित , धुप छाँव तले विश्राम पाएं
कुछ सुगंध, कुछ नवीन जन्म, कुछ और खिले ये कमलदल
ध्यान लगा पूर्ण समर्पण संग, स्वीकृति का गीत गायें संतो !
क्यूंकि बुद्धिगत विश्लेषण से जीवनरहस्य नहीं खुला करते
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