जब आसमान रंगीन होता है
तो इन्द्रधनुष खिला कहते है
जमीन जब रंगो से नहाती है
बगीचों का कारोबार कहते है
ये रंग गहरे दिलो पे पड़ते है
लोग भावस्नान नाम देते है
सात रंग में आत्मा डूबती है
शृंगृत आत्मनववधु कहते है
आपके सात रंग बन के जब
जिस्मो को सतरँगीं करते है
होली है ! लोग ऐसा कहते है
होली है ! लोग ऐसा कहते है
No comments:
Post a Comment