Wednesday 11 March 2015

चलो थोड़ा घूम आये !



चलो पार्थ-बुद्धि संग बगीचा थोड़ा घूमआये करें सवारी टग्बक की खेंच कमान घोड़े की दूर तक सैर कर आएं . लेकिन भूल न जाना आभारदेना मयूर-मन हवा का ,फैले रंगो का सुगंध औ खुशियों का . लेकिन भूल न जाना बीज डालना धरती पे सरिता सुन्दर रखना पर्वत मनोरम रखना . लेकिन भूल न जाना खुशियों को..संवरना कंटक मध्य पुष्पसंग तितलियों का उड़ना

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