स्वयं मगन रहना
फातिया न पढ़ना
न मंत्र जाप करना
मध्य में लौ स्थिर
अनवरत है जलना
लेना इक न देना दो
बोझ येअलग रखना
फूल-काँटा कारोबार
जुदाजुदा नहीं करना
लेना है तो बीज लेना
देना तो बीज ही देना
रोपना तो रोप बीज
संजोना बीज को ही
फूल और कांटे अलग
बोने से न उगा करते
बबूल में फूल है उगते
गुलाब में कांटे लगे है
फूल से सुगंध बनाते
काँटों से हथियार बने
कर सदुपयोग "हीर"
सतत प्रयास युक्त
जीव सूझबूझ-जीना
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