Sunday, 7 June 2015

Music of " Tama "



संगीतमय तमस का गीतऔर  प्रेम! 
" मैं  और  तुम "
 
*
किरकिरी गड़ती पर भीगी ठंडी 
पैरों के साथ देह को दिमाग को भावनाओं को ठंडक देती
लहरें मनभावन चंद्र-चन्द्रिका में चमक मद्धम संगीत देती  
और समंदर के किनारे हमारा साथ साथ चलना  
*
संगीतमय गहन-तमस ... काले समंदर का किनारा ... 

*

मैं और तुम

*
परम की बांसुरी में संगीत तरंगित  हुआ ज्यूँ  कन कन कन में 


*
यहाँ पर  साथ चलते चलते , खुद में,   एक सुंदर राग सुनो !  

सुनो !  झर झर झर झरती झंकृत वीणा के तार की आवाज 

*
मैं और तुम "एक " है  समुद्र तट पे और  आज है  गहरी काली रात 

*

गहन रात में चमक चांदी-रेख सी दिखती,  सच ! जीवन रेखा  की किरण ज्यूँ हो  
 सूर्य किरण सी 
और.... इस किरण की सफ़ेद चादर  पे दिखते ....  भद्दे...  छोटे ...  धब्बे से...  चुभते 
मुलायम रेतकण 

*

 सघन रात साथ युग्म चमकती घूमती उठती लहरें द्वित्वता नहीं है इस पल में
मंदर    हवायें ....    स्व-अनुगमित ....   और ;  यहाँ केवल हैं ....    मैं और तुम

*

लहरों पे उभरी प्रभाकान्ति पे इक्च्छाये मूल अधार सी चिंगारी 
भीगी रेत सिल्क सी,  कोमल छुअन , अकल्पित  देह से परे के अनुभव 
व्यक्त तारों की झिलमिलाहट पानी सा अस्तित्व ...  और ; मैं  और तुम 

*
मैं और तुम
*
आशीष युक्त गहन तमस रातें , चलो चलें ! साथ,   केवल  कुछ कदम तुम्हारे साथ 
इस पल में  जीवन उतराया, चलो चलें ! हाथ में ले हाथ  इस घनी रात में मैं और तुम
*

चन्द्र-किरणें छू लें  ह्रदय से जन्मे गीत गीले , समुद्र भिगोता प्रेम तट  को ,  देखो ! 
भीगी रेत ठंडी धरती शांत, जीवन नृत्य में डूबा इस पल में साथ चलते  मैं और तुम  

*
घनी अंधियारी रात में चन्द्र-चन्द्रिका प्रखर उज्जवल,  स्पष्ट देख पा रही हूँ 
महसूस होते हो तुम मेरे पास घनी गहरी काली तमस रातें, साथ; मैं और तुम 
*
मैं और तुम 
*
कल्पनाओं का कभी अंत नहीं,  स्वप्न कभी कहीं भी जाते नहीं 
मुस्कान आकर्षण को बनाती,   होंठ गाते  ह्रदय का गीत-राग 
आओ ! दूर  तक चलें साथ साथ,  घनी गहरी काली रात
चलें संगीतबद्ध चाल, मैं और तुम 
*
मैं और तुम 
*
गहरी रात में,  चाँद आसमान पे ज्यूँ चमकता , सागर आल्हादित हो उठता 
स्पर्श करती चाँद किरण लहरों में होता उछाल प्रिय को छूने की चाहत बेशुमार 
*
निःशब्द की आवाज, आभास कुछ न होने का, उमड़ते घुमड़ते सुनो ! भावनाज्वार 
इक शब्द भी न सुनाई देता , इक गम्भीर  गहरा  मौन , उसका घनत्व मैं और तुम !
*
तुमने सुना? अनहद का संगीत, ह्रदय की धड़कन, तट पे ड्रमवाद्य के स्वर 
अनन्त की मधुर बांसुरी,   सात स्वर, और लयबद्ध तान, और ! मैं और तुम
*
हम तारीखें उस तारीखरहित की अंतत: संयुक्त धरोहर अनन्त की  
सूत का नन्हा धागा, अंश बड़े सूत का, बंधे-समय से हुए बंधित हम
सागर में उठे बुलबुले से हम, दो तारे उस महाशुन्य के... मैं और तुम
*
अपनी अपनी धुरी पे केंद्रित हम, आ  मिले,  एक केंद्रित चक्र पूरा करने को 
दो से हो जा मिले अनेक से,  करने को पूरा "एक" केंद्रित चक्र, मैं और तुम  
*
अनंताकाश में,  7 आसमानों से दूर,  सत्य की सत्ता है , वहां पे !
  अणु-शुक्राणु बन दौड़ लगाते अधिक सोचते पर सोच-रहित हम
अनेकों के साथ जा मिलते अनन्त से,  युगांत करते  मैं और तुम 
*
खिलते हुए कमल से हम प्रिय इस सौंदर्य को महसूस करो
ज्यूँ अनेक रंग से सजा सुंदर गुलाब का पौधा काँटों से घिरा 
हम सात रंग के मिश्रण रंगरहित नीले का अभिन्न अंग रंग   
*
जो भी तुम और मैं हूँ,  हैं अर्थहीन,  अस्तित्वहीन हैं, और... जो भी है  यहाँ  पे
है समय से बद्ध खेल, भूल ! भूल जाओ, जाने भी दो,  इन कंधो पे बोझ न लो  
जियो...  जैसे हो अंतिम श्वांस ...,  क्यूंके एक एक श्वांस  है निश्चित निर्धारित 
*
अधिकतम संकुचित कर्त्तव्य से भरे अधिकतम संकुचित प्रेमाह्वाहन करते 
अधिकतम संकुचित समीक्षण हमारे और उपजते अधिकतम संकुचित भाव 
अधिकतम संकुचित  बुद्धियुक्त से ये वो अधिकतम दर्द लेते देते संकुचित हृदय 
*
देखो ! विशालतम की गोद में सभी वस्तुएं अधिकतम संकुचित होती , 
और होते जाते हमारे  अहंकारी अस्तित्व संकुचित , अधिकतम के इस पल में 
फिर भी हम बड़े हैं छोटे जीवन के लिए और सुनो ! ये पल बड़ा है  प्रेम के लिए   
*
एक हम  इस समुद्रतट पे, आज  गहन तमस रात है 
मेरे "प्रेम",  मैं और तुम,  एक "है",  इस एक पल में 
*
"प्रेम" इस एक पल में , एक विचारशील "प्रेम-तिथि", प्यार से प्यार के साथ 

और सूझ बूझ से , इस अंधेरी रात में चलते हम काले गहरे समंदर के किनारे 
*
मैं और तुम
और 

हमारा साथ साथ चलना 
*
संगीतमय  तमस  का " गीत"


                                           और प्रेम ...
*
मैं और तुम


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I & you

The Darkest Darkness Embraces   The silver Ray  So Bright. Silvery nights apart of Darkness comes altogether Long way.   ~ Lata
A Musical  walks-over
Black & Dark Seashore


the music is on each
cell
under the flute of thy
and
i and you
walks over here
itself
a beautiful melody
listen
the string sound !!


I  and You
are
" One "
here on sea
shore
and
Today
Deep Dark Night ......

*
in the dense darkest night
tiny sparks look silver-ray
.
.
One ray beautiful lifeline
while on bright sunshine
.
.
the Dark small patch looks
bad n ugly on a white sheet


*
the Darkest nights
shiny swirling waves

.
.
I and you  are one
no duelity this time

.

breeze  is  flowing
here only i and you


*

shine appears  on waves
a wishes sparks on base
.
.
Sand wet and touch silk
so putative hyperphysical
.
.
Glossy lucid starry shiny
watery existence I and you


*

blessed darkest nights
 let's walk together
.
.
only few steps with you 
life comes this moment 
.
.
let's walk  holding hand 
on darkest night I nd you


*

silvery rays touches 
 song born of hearts
.
.
Sea give love to shore,
and look! sand is wet 
.
.
earth-calm life-dance 
in the moment, I and you 


*
On the Darkest night 
moon brilliant bright 
.
.
i am seeing you clear
you feel close to me 
.
.
a deep darkest  night 
together I  and you 



*

Imagination never ends
dreams never ever go 

.
a smile makes charm to us 
lips sings a song of the heart
.
.
let us come on long walks 
lets come to walk together 
.
.
in the deep darkest night 
I nd you let walk musical 


*

In the darkest night
moonshine on skies
.
.
Ocean most happy
wen touch her rays
.
.
weaves come high
wants touch to lover 

*


Listen to the voice of no voice
feel, feel of nothingness  

Emotion whirl and swirl
no word is come out 
.
.
 A deep  dense silence  
Darkness, you and I

*

love you listening
music Immeasurable
.
.
the beats of hearts
and drum of shore
.
.
sweet flute of Infinite
7 gamut and rhythm

*

We're date of dateless
finite-being of infinite
.
.
tiny  spun of long-spun
bounded in time-bound
.
.
we're bubble of Ocean
2 stars of nothingness 







we're very Orbit of self 
met to make circle One 
.
.
then One again  meet
with circles make one 
.
.
this One  again meet 
with circles make one 
.
.
now we're meeting in the skies 
with the much bigger one 
.
.
and very far  of skies,
the real One is there  
.
.
we're alike sperm runs 
thoughtful thoughtless 




*

we're like a lotus bloom
My love feel the fragrance 
.
.
multi colourful beautiful 
plant of rose and thorn 
.
.
we're a shade of 7 colours 
a part of colourless blue 


*

whoever you're and 
whoever I'm gisting less

.
and whoever all there
all is time-bound play 
.
.
forget  and forgive all
don't carry on shoulders
.
.
just live as of last breath 
each breath of allotted


*
more than narrow  duty filled  
more than narrow making love 
.
.
more than narrow observance
and growing narrow thoughts
.
.
 more than brainy this or that 
more than the ache of narrow hearts


*

look ! in the  lap of vast
all things become narrow 
.
.
our ego existence comes 
narrow in the very moment 
.
.
but still, we're  big for life 
still moment is big for love 



*

I  and You

are One  here
on sea shore

TODAY

is a

BLACK DARKEST NIGHT

" My Love "

and

I & you 

are One

at this very moment 

A thoughtful "Date" 
with Love
in the Darkest night 
and  
mindful walks-over Black 
and 
Dark Sea-shore 













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*

A thoughtful "Date" 
with Love
in the Darkest night 
and  
mindful walks-over Black 
and 
Dark Sea-shore 
© Lata 
07- 06 -2015  

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