मुझे ठहरना है बस इन दो सांसो के बीच
जीवन जीना है बस इन दो साँसों के बीच
मेरा योग मेरा भोग मनोयोग भी तू ही है
उपभोग मेरा है तू बस दो साँसों के बीच
हाँ , मुझे ठहरना है_________________
दैहिक जैविक नाते , कुछ अलग बात है
थरथराती जीवन लौ कहती और बात है
पेंचोखम निस्तार लौकिक अलग बात है
मिलन, विदा, संयोग कुछ अलग बात है
हाँ , मुझे ठहरना है__________________
योग या प्रेम,जब मध्य में आ गति थमी
दो साँसों के बीच पाया रक्स-अक्स तेरा
इन्ही दो साँसों बीच बसे है प्रियतम मेरा
ठहर पनाह मैं पाऊँ इन दो साँसों के बीच
हाँ , मुझे ठहरना है __________________

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