योगसंयोग के हो अद्भुत संगम
तब कहीं जा प्रेम पुष्प खिलता है
सात रंग आसमां पे बिखरते ओ फूल खिलते हैनैसर्गिक संगीत बिखरता है,कहीं प्रेम पलता है (1)
लहरे यूँ ही मचलती जब उड़ते पक्षी चहचहाते है
सूर्यकिरण के पड़ते ही चोटी की बर्फ पिघलती है (2)
तब तुम ही तुम दिखते हो, हरसु नर्तन करते हो
तब दसो दिशाएं गा उठती है योगिनी तू योगिनी (3)
योग औ माया से मिलबनी योगी की तू योगिनी
साम दाम दण्ड भेद युक्त विचरती तू तरंगिनि (4)
बिजली सी शक्तिवान सौंदर्य की वो बन दामिनी
योगिनी तू योगिनी है, है योगिनी तू योगिनी (5)
लचक , मटक , लास्य नृत्यमग्न हुई तू भामिनी
योगिनी तू योगिनी है, है वैभवी तू ही योगिनी(6)
गर्भधारिणीमातृरूपाभगनीरूपापत्नीरूपासौम्या
भाव में वास तेरा योगिनी,योग की तू स्वामिनी(7)
विद्युत अबाध प्रवाह तेरा मेघ पे विचरण तेरा
अच्युत सौंदर्य स्वामिनी हो निर्झर बरस जाती(8)
संसार में उतरी नदी बन बह बलखाती निकलती
जीवन लेती जीवन देती शक्ति रूपा तू योगिनी(9)
भैरव की तू भैरवी तू ही नारायण की है नारायणी
स्त्री में तू भाव कोमल पुरुष के पौरुष में छिपी तू (10)
न देह धारी तू ! है मायावी, शक्तिधारी तू ठहरी
ओज में वासित रज के कणकण में प्रवाहवाहिनी (11)
शिवा का अर्धांग तू ही अर्धनारीश्वर की शक्ति तू
आदि से जन्मी मिलन आदि में महादेवी योगिनी (12)
एक ओंकार से प्रस्फुटित दो प्रेम ऊर्जान्वित धाराएं
देव-देवी शक्ति अपरम्पार तेरी योगिनी तू योगिनी (13)
** Yogini Tu Yogini is a Total non-dual Identity Neither Ugly nor Beautiful , Neither Young nor Old . Its Universal Spirit of Femininity . Always present in the form of Beauty , In a form of Fragrance , in the form of Softness , in the form of giving Birth , In the form of Life , In a form of Patience and Love . In the form of strong Tenderness , In the form of Compassion , Femininity present with Care and Concern as Vibe as Frequency In rock-hardships for Body .एक ओंकार से प्रस्फुटित दो प्रेम ऊर्जान्वित धाराएं
देव-देवी शक्ति अपरम्पार तेरी योगिनी तू योगिनी (13)
As a woman feminine energy is entrusted with the significant responsibility of manufacturing the next generation , her body is far more receptive naturally and vulnerable to certain types of energies – especially during pregnancy and menstrual cycles . Here is Yogini is a Feminine quality with all strength of Devi , out of an elemental body . She is a power , She is vibrational , She is Omnipresent in duality different forms of relations . Due to connecting with highest Divine Vibes she is A ever virgin and Non-duel entity . So that ; in the form of Yogini The Adi shakti is worshiped
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