Wednesday, 24 August 2016

जब तक मिली है इसे जिए जाओ



गीत गाये जाओ, गुनगुनाये जाओ
जब तक मिली है,इसे जिए जाओ

जिए जाओ ! इसमें रंग भरे जाओ
बांसुरी से कोई तान , छेड़े जाओ

फूल की सुगंध बन , बिखरे जाओ
घुंघरू की धुन नर्तन पे झूमे जाओ

मिली नियामत, गौर फर्माया करो
हमजैसे ही उम्र इनकी भी कम है

मेला ही तो है बाजार सजा हुआ है
चार दिन चार पहर साथ ले जाओ

बेमतलब में मतलब न तलब करो
बेमतलब तू मतलब में जिये जाओ

गीत गाये जाओ, गुनगुनाये जाओ
जब तक मिली है,इसे जिए जाओ
Lata Tewari

5 August at 12:55

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