आईने की जिस दिन हम से हार हुई
जान लीजिये, ये हमारा संसार हमसे-
रूठ जायेगा, सामने खड़ा हर शख्स
इस उभरते अक्स में शामिल मिलेगा
आईना गजब, उसकी अपनी शर्त है
न भूलने दूंगा तुम्हे तुम्हारा ही वजूद
जब देखोगे मुझ में डूब के एक बार
खोया शख्स कुछ बदला सा मिलेगा
इसआईने को खुद से दूर न कीजिये
के इससा दूसरा हमसफर न मिलेगा
झटक के फेंक इसे चूरचूर किया था
समेटने में जख्मी वहीँ जिस्म मिलेगा
कुछ बूंदें गर छल्कि परवाह न कीजे
गौर से देखिये ! नजरअंदाज न कीजे
टुकड़े टुकड़े टूटे है पर हर टुकड़े में
उभरते सच का आगाज अंत मिलेगा
Sunday 29 oct 2017- 08:54am
©Lata
जान लीजिये, ये हमारा संसार हमसे-
रूठ जायेगा, सामने खड़ा हर शख्स
इस उभरते अक्स में शामिल मिलेगा
आईना गजब, उसकी अपनी शर्त है
न भूलने दूंगा तुम्हे तुम्हारा ही वजूद
जब देखोगे मुझ में डूब के एक बार
खोया शख्स कुछ बदला सा मिलेगा
इसआईने को खुद से दूर न कीजिये
के इससा दूसरा हमसफर न मिलेगा
झटक के फेंक इसे चूरचूर किया था
समेटने में जख्मी वहीँ जिस्म मिलेगा
कुछ बूंदें गर छल्कि परवाह न कीजे
गौर से देखिये ! नजरअंदाज न कीजे
टुकड़े टुकड़े टूटे है पर हर टुकड़े में
उभरते सच का आगाज अंत मिलेगा
Sunday 29 oct 2017- 08:54am
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