सड़कें गैर है! इन पे चलने का शऊर रखने वाले
चौराहे पे खड़े हो हिसाबकिताब नहीं किया करते
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छूटता है तो छूटे जो छूटा, जिंदगी रस्मे उल्फत है
हमतो अपनी झोली में मिलने का हिसाब रखते है
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कहते है सम्भल! के लुढ़कते होश संभलते कम है
उसकी पिलाये को हम, अपनी जिंदगी समझते है
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पूछ न के ये नसीब की बोतल कितने गजब की है
भर्ती न ख़ाली ही होती जब के रोज घूंट घूंट पीते है
The poetry is a symbol of Ocean emotion, its like prose ... where a single word has ample power to express wide ... so that difficult to translation .. here is again Hindi and Urdu mix, still, anybody if required pl write in the comment I will try best, thank you
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