कुछ शब्द
अहसास के
जागे......!
कहती हूँ
कुछ भाव
बदलाव के
समय की चाल
बदल देगी
वजूद उसका
वजह बेवजह
रूपांतरण
होता जाता
आहट भी न
सुनाई देती
बस कुछ
कसमसाहट
कुछ बेचैनी
समाती जाती
करवट लेते
अंदर जागते
अपरिचित से
अनजान हूँ मैं
तुम कौन हो?
तुमसे पूर्णतः
अपरिचित मैं
जो परिचित है
मेरे, मानो ज्यूँ
अपरिचित है,
है भाव-भ्रम-
ही मेरा ये के
शायद कोई
फिर कोई जो
कहीं दूर से
आवाज देगा
जैसे कहीं..
गहराई से
कोई पुकार
आती भी हो
और नहीं भी,
तब मुझे कुछ
सुनाई देगा,
कुछ नहीं भी
और............
© Heart's Lines/ © Destiny Poetries, © lata
07-01-2018
09:35 pm
Summarized : The poetry goes to inner- feminine changes (out of body gender) while clashes of emotions on hard rocks she is brave, not fragile, she is adoptive not depressed, She walks alone on new way, she enters on new dawn where she gets new territory in skies, where she finds all Unforeseen.. so that she expresses her hesitance with none familiarness and she thought - still few introduced sound following her, where she is not able to listen clear due to her journey upward.
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