दो शब्द : आभास को शब्द देने की कोशिश करती हूँ ,ये वो अहसास है जहाँ भाग्य से दो व्यक्ति साथ है , पर भाग्य अलग अलग है , और कर्म जुड़ के एक हो गए है , माने अब कर्म एक है पर भाग्य अलग अलग , संभव है ! ऐसा भी संभव है। आवश्यक नहीं की कर्म-कर्त्तव्य यदि एक हों, तो भाग्य भी एक ही हो ! माना हम बहुत सम्बन्धो का जोड़ है और बहुतों से संबंधित भी है पर फिर भी ; अपना रास्ता .. अपना ही है , बहुत केंद्रित , जरा भी इधर उधर नहीं ....... ऐसा लगेगा की सब हमसे ही जुड़े है और हम सबसे , पर सभी ऐसे ही है अपने अपने रस्ते पे , ऐसा सिर्फ आपको ही नहीं उन सभी को लगेगा की आप भी उनसे ही जुड़े है और वो आपसे , पर आपका रास्ता अपना ही है , बहुत ही केंद्रित, बहुत निजी, व्यक्तिगत और जन्मजात , आपको जो शब्द ज्यादा करीब लगे , ले लीजिये। ... आभार प्रणाम ।
एक सूरज उस आस्मां में उगता है
एक चाँद स्याह शून्य में उभरता है
वो सबका है, थोड़ा तेरा है मेरा भी
ये चाँद सूरज फकत तेरा है मेरा है
एक सूरज उगता है तुझमे मुझमे
एक चाँद चमकता है तुझमे मुझमे
कर्म का सूरज औ भाग्य का चाँद
इक सुलगती भट्टी, तेरी है मेरी भी
दो दीपशिखायें जलीं, एक दीप में
सुलगती है साथ पर, दोनों हैं जुदा
सूरज का इक पथ, तेरा है मेरा भी
इक चाँद उभरा तेरा भी है मेरा भी
किस्मत का खेल ज्यादा न सोचिये
गठबंधन देह के, कर्मबन्ध जोड़ है
भाग्यअल्हदा दे कर्म संग जुड़ गया
अक्ष; इक छत तले तेरा भी मेरा भी
घटे बढ़े चमके इक चाँद आस्मां में
एक संग यहाँ पे तेरा भी है मेरा भी
हम बंधे कर्तव्य पथ पे इकसाथ में
ज्यूँ निश्चित सूरजमार्ग, कर्मपथ का
चाँद से भावसंसार का गहरा नाता
सूरज सम कर्मयोगी जीवन हमारा
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड उतरा है जीवन में
नक्षत्रों का सारहार तेरा भी मेरा भी
अलगअलग पर मिलेमिले हम तुम
ये चाँद,ये सूरज, तेरा भी है मेरा भी
एक सूरज उस आस्मां में उगता है
एक चाँद स्याह शून्य में उभरता है
वो सबका है, थोड़ा तेरा है मेरा भी
ये चाँद सूरज फकत तेरा है मेरा है
एक सूरज उगता है तुझमे मुझमे
एक चाँद चमकता है तुझमे मुझमे
कर्म का सूरज औ भाग्य का चाँद
इक सुलगती भट्टी, तेरी है मेरी भी
दो दीपशिखायें जलीं, एक दीप में
सुलगती है साथ पर, दोनों हैं जुदा
सूरज का इक पथ, तेरा है मेरा भी
इक चाँद उभरा तेरा भी है मेरा भी
किस्मत का खेल ज्यादा न सोचिये
गठबंधन देह के, कर्मबन्ध जोड़ है
भाग्यअल्हदा दे कर्म संग जुड़ गया
अक्ष; इक छत तले तेरा भी मेरा भी
घटे बढ़े चमके इक चाँद आस्मां में
एक संग यहाँ पे तेरा भी है मेरा भी
हम बंधे कर्तव्य पथ पे इकसाथ में
ज्यूँ निश्चित सूरजमार्ग, कर्मपथ का
चाँद से भावसंसार का गहरा नाता
सूरज सम कर्मयोगी जीवन हमारा
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड उतरा है जीवन में
नक्षत्रों का सारहार तेरा भी मेरा भी
ये चाँद,ये सूरज, तेरा भी है मेरा भी
ⓒ Lata_05:30am_20/08/2017
between awareness and knowing two aspects get clear of karma and destiny, just like among two persons... each one has own karma and destiny, but destiny won't shares fruits jointly, its very unique and personal .. only karma shares self to other as the duty
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