Tuesday, 15 August 2017

वो "जो भी " था


Total Responsibility of Being:-
अपना होने का अहसास और जिम्मेदारी 

वो "जो भी " था ,  था  गैर कभी
अब मुझमे उतर के मेरा है
पहले अक्स फिर वजूद हुआ वो
हम कदम भी अब मेरा है

शिकवा क्यों औ गिला किससे हो
आईना सा हूबहू वो मेरा है
उसने जो दिया भरपूर दिया मुझे
मेरे इर्द गिर्द है, वो मेरा है

कदम दर कदम साथ ही चलता है
रौशनी संग स्याह साये है 
डूबती तैरती  ख्वाहिश मे बसता है
आखिर!अधूरापन मेरा है

सरकती धंसती है रेतदीवालें तो क्या 
गहरी बुनियादें भी मेरी है
मुश्किलात हालात के रूबरू टिका
राहतों का जहाँ भी मेरा है

© लता
Tuesday /15august2017/16:35

Author's Note- A Note for a one step higher understanding:- It's a deep science and deeper psychology of taking responsibility with love n care whatever calls ours, Detail will merge later ... 
Yes, if one attracts can take as worldly affairs, you may find indications, but it's more than from elemental expressions, Actually taking responsibility is eternal and qualitative out of the body.
Responsible term "mine" also indicates, the qualities allotted as an assignment by supreme in surroundings... 
its total karma oriented and joy with assigned responsibility in walks

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